पटना पुलिस ने शातिर हाईटेक चोर को कोतवली थानां क्षेत्र से स्कोर्पियो चोरी की घटना में बरामदगी सहित 2 चोर सफल उद्भेदन किया गया
पटना पुलिस ने कोतवाली थानाक्षेत्र के बंदर बगीचा स्थित कावेरी अपार्टमेन्ट के पास से स्कॉर्पियो गाड़ी, रजि०नं० बी०आर०- 01ए0एच / 1247 की चोरी कर ली गई। इस संबंध में कोतवाली थाना कांड सं0- 31/25, दि०- 13. 01.25. धारा 303(2) बी०एन०एस० अज्ञात के विरूद्ध दर्ज किया गया।
वही डीएसपी कोतवली कृष्ण मुरारी प्रसाद विधि व्यवस्था 1 ने कहा कि अनुसंधान के क्रम में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, विधि व्यवस्था- 01, पटना के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें पुलिस पदाधिकारी / कर्मियों को सम्मिलित किया गया।
गठित विशेष टीम द्वारा तकनीकी एवं मानवीय तरीके से अनुसंधान करते हुए कांड में चोरी गई स्कॉर्पियो गाड़ी को वैशाली गोलम्बर, कदमकुआ के पास से घटना के 24 घंटे अन्दर दिनांक- 13/14.01.2025 की रात में ही बरामद कर लिया गया तथा चोरी की घटना कारित करने वाले दो अभियुक्तों को घटना में प्रयुक्त पल्सर मोटरसाइकिल के साथ पकड़ लिया गया। अभियुक्तों के पास से वाहन चोरी में प्रयोग किये जाने वाले औजार यथा मास्टर चाबी, रिच आदि भी बरामद किये गये हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों में से अभियुक्त अमित कुमार के बारे में जानकारी मिली है कि यह अन्तर जिला वाहन चोर है, जिसके विरूद्ध पटना जिला के बेउर, बाढ़, अगमकुआं, पाटलीपुत्रा, बुद्धा कॉलोनी, राजीव नगर थाना में आपराधिक इतिहास होने की जानकारी प्राप्त हुई है। साथ ही नालन्दा जिला के एकंगरसराय थाना में भी इसके विरूद्ध कांड दर्ज होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस अभियुक्त की गिरफ्तारी की सूचना सभी थानों को देते हुए विस्तृत आपराधिक इतिहास की जानकारी प्राप्त की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्तों से अपराध शैली के बारे में पूछने पर ज्ञात हुआ है कि अमित कुमार उर्फ अमित साव आर०ओ० वाटर फिल्टर बनाने का काम करता है। इसी बहाने यह विभिन्न गली मुहल्लों में तथा लोगों के घरों में प्रवेश करता है। उसी दौरान यह बाहर में लगी गाड़ियों की रेकी करते हुए फोटो खींच लेता है और उक्त फोटो को वाहन खरीदने वाले व्यक्ति को भेजकर कीमत तय करता है। इसके द्वारा चोरी की गई गाडी के इंजन नम्बर, चेसिस नम्बर और रजिस्ट्रेशन नम्बर में हेर-फेर करते हुए गाड़ी को बेच दिया जाता है। यह भी ज्ञात हुआ है कि यह पूर्व में नीलाम हुए एवं कबाड़ में बेचे गये वाहनों का इंजन, चेसिस और रजिस्ट्रेशन नम्बर का उपयोग किया जाता है। पूछताछ से यह बात भी प्रकाश में आई है कि यह वर्ष 2015 से ही इस तरह के अपराध में संलिप्त रहा है। इसके द्वारा चोरी की गई गाड़ियों को मोतिहारी और सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल भी भेजने की बात प्रकाश में आई है। साथ ही दूसरे राज्यों के वाहन चोरों से भी चोरी के वाहन प्राप्त कर सप्लाई करने की बात प्रकाश में आई है। इन सभी बिन्दुओं पर अनुसंधान एवं साक्ष्य संकलन करने की कार्रवाई की जा रही है।