तुर्की के फलों का बॉयकॉट, मार्बल कारोबारी पाकिस्तान के मददगार का शुरू हुआ बहिष्कार
पहलगाम अटैक के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की मुहिम छेड़ा । अटैक हमले 26 लोगो को आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर उनकी हत्या कर दिया था । भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के इस दौर में तुर्की के रुख ने भारतीय व्यापारियों को नाराज किया है. तुर्की अक्सर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है. ऐसे में पूरे भारत मे मार्बल व्यापारियों द्वारा उठाया गया यह कदम सिर्फ एक आर्थिक फैसला नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है कि भारत अब हर स्तर पर अपने विरोधियों को जवाब देने को तैयार है
पिछले दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच बेहद तनावपूर्ण हालात बन गए थे. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए तुर्की के 350 से ज्यादा ड्रोन का इस्तेमाल किया. तो क्या तुर्की भी पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत से लड़ाई लड़ रहा था? तुर्की के सैन्यकर्मी भारत के खिलाफ ड्रोन हमले कराने के लिए पाकिस्तान में मौजूद रहे यानी ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पर ड्रोन हमले कराने में तुर्की के सलाहकारों ने पाकिस्तानी सेना की मदद की.
उदयपुर के संगमरमर के कारखानों से लेकर पुणे के फल बाजारों तक, भारतीय व्यापारी और उपभोक्ता तुर्की के सामानों से दूरी बना रहे हैं ऐसे मे पटना के के मार्बल व्यवसाय धमेंद्र कुमार ने कहा कि बिजनेस को राष्ट्रीय हित से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए । इस लिए बिहार के कई मार्बल व्यवसाय ने कहा कि पाकिस्तान की मदद करने वाला तुर्की के सभी मार्बल से लेकर सभी निर्मित सामानों का बाइकार्ट करते है ।
तुर्की द्वारा पाकिस्तान का खुलेआम समर्थन करने के बाद देशभर में ‘बॉयकॉट तुर्की’ अभियान ने जोर पकड़ लिया है. अब इसका असर देश प्रदेश में भी देखने लगा है । बिहार , व्यापारियों ने तुर्की से आयातित वस्तुओं का बहिष्कार कर तुर्की को आर्थिक मोर्चे पर जवाब देने का ऐलान कर दिया है. जानकारी के अनुसार, बिहार की राजधानी पटना के सबसे बड़े फल मंडी के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद ने भी कहा जो देश का दुश्मन वह हम सब का दुश्मन इसलिए तुर्की से सेब की आयत होती है । उसे भी हम सब बाइकार्ट करते है । वही दूसरे ओर फल मार्केट के दुकानदार पंकज गुप्ता ने कहा व्यापारियों ने तुर्की से आयात होने वाले सेबों की बिक्री पूरी तरह बंद कर दी है. स्थानीय बाजारों से ये सेब गायब हो गए हैं और ग्राहकों ने भी इसका बहिष्कार कर दिया है. वही फल दुकानदार ओम प्रकाश ने भी कहा हर साल पुणे के फलों के बाजार में तुर्की सेबों की हिस्सेदारी लगभग 1000-1200 करोड़ रुपये की होती है, लेकिन अब यह कारोबार ठप हो गया है.